मेरा पूरा प्रयास है कि किसी तरह तुम्हें भरोसा दिला दूं -अपने शब्दों से नहीं बल्कि अपने मौन तथा अपनी उपस्थिति से, अपने प्रेम तथा अपने आनंद से - कि तुम ब्रह्मांड के केन्द्र हो, तुम सब - क्योंकि केन्द्र केवल एक है। केवल परिधि पर हम अलग हैं; केन्द्र पर हम सब एक हैं।
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